Uttarakhand: विधेयक ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और आजीविका को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम: मंत्री

 नवीन विधेयक विकसित भारत–रोजगार और आजीविका के लिए गारंटी मिशन (वीबी-जी राम जी बिल 2025) को लेकर मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि यह विधेयक ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और आजीविका को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।

सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकार से वार्ता करते हुए ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारत सरकार समय-समय पर ग्रामीण रोजगार के लिए योजनाएं लाती रही है। वर्ष 1989 में जवाहर रोजगार योजना शुरू की गई, जिसे बाद में 2001 में सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना में शामिल किया गया। वर्ष 2006 में नरेगा और 2009 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) लागू हुई, जिसके तहत ग्रामीण परिवारों को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार मिला।

उन्होंने कहा कि मनरेगा से ग्रामीण क्षेत्रों में अकुशल श्रमिकों को रोजगार तो मिला, लेकिन अब ग्रामीणों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए वीबी-जी राम जी योजना शुरू की जा रही है। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी। योजना के तहत ग्राम पंचायतों में स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण, जल से जुड़े कार्य, ग्रामीण आधारभूत ढांचे का विकास, कृषि और आजीविका से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।

मंत्री ने बताया कि नई योजना में एक वित्तीय वर्ष में 125 दिन का गारंटीशुदा रोजगार दिया जाएगा। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे हिमालयी राज्यों तथा पूर्वोत्तर राज्यों के लिए केंद्र व राज्य के बीच धनराशि का अनुपात 90:10 होगा। उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सुरक्षा दीवार (रिटेनिंग वॉल) को भी अनुमन्य कार्यों में शामिल किया गया है।

ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि खेती के व्यस्त समय, जैसे बुवाई और कटाई के दौरान, राज्य सरकार वर्ष में कुल 60 दिन ऐसे तय कर सकेगी, जिनमें योजना के तहत कोई कार्य नहीं कराया जाएगा, ताकि कृषि कार्यों के लिए पर्याप्त श्रमिक उपलब्ध रहें। साथ ही जल जीवन मिशन के तहत सृजित कार्यों की मरम्मत और रखरखाव भी इसी योजना के अंतर्गत किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि योजना के नियमों का उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान रखा गया है। वर्तमान में योजना के अंतर्गत राज्य में 10.10 लाख पंजीकृत जॉब कार्डधारक परिवार, 6.71 लाख सक्रिय परिवार, 16.15 लाख जॉब कार्डधारक श्रमिक और 9.35 लाख सक्रिय श्रमिक हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में योजना के लिए कुल 1 लाख 51 हजार 282 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं, जिसमें उत्तराखंड के लिए 840 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है और पूर्व में भी योजनाओं के नाम व स्वरूप में बदलाव होते रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि वीबी-जी राम जी योजना ग्रामीण रोजगार, आजीविका संवर्धन और विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में मील का पत्थर साबित होगी।

प्रेस वार्ता में सचिव ग्राम्य विकास धीरज सिंह गर्ब्याल और आयुक्त ग्राम्य विकास अनुराधा पाल भी उपस्थित रहीं।

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