उत्तराखण्ड सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 300 नए चिकित्सकों की भर्ती शीघ्र की जाएगी। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को अधियाचन भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं, लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे 56 बॉण्डधारी डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि मेडिकल कॉलेज अनुबंध के अनुसार इनसे बॉण्ड की धनराशि भी वसूली जाए।
220 डॉक्टरों की तैनाती, 300 पद और रिक्त
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि हाल ही में विभाग में चिकित्साधिकारी (बैकलॉग) के 220 पदों पर नियुक्तियां की गई हैं और इन डॉक्टरों को प्रदेश के सुदूरवर्ती स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनाती दी गई है।
इसके बावजूद विभाग में करीब 300 पद रिक्त हैं, जिन पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
लापरवाह चिकित्सकों पर सख्ती
डॉ. रावत ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के साथ-साथ जिम्मेदारियों से लापरवाह कार्मिकों पर भी सख्ती बरत रही है। इसी क्रम में विगत माह राजकीय मेडिकल कॉलेजों से पासआउट 234 बॉण्डधारी चिकित्सकों के विरुद्ध वसूली और बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू की गई थी। नतीजतन 178 डॉक्टरों ने विभाग में वापस ज्वाइनिंग दी, जबकि 56 डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
बॉण्डधारी डॉक्टरों पर नियम सख्त
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में न्यूनतम फीस पर एमबीबीएस की पढ़ाई एक अनुबंध के तहत कराई जाती है। इस अनुबंध के अनुसार एमबीबीएस पूरा करने के बाद 5 साल तक पर्वतीय क्षेत्रों की स्वास्थ्य इकाइयों में सेवा देना अनिवार्य है।
अनुबंध का पालन न करने की स्थिति में चिकित्सकों को बॉण्ड में निर्धारित राशि जमा करानी होती है। अब विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अनियमितता करने वालों से बॉण्ड की पूरी राशि वसूल की जाएगी।
बेहतर हेल्थ सिस्टम की दिशा में प्रयास
डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार बेहतर हेल्थ सिस्टम तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ढांचागत सुविधाएं और डॉक्टरों की तैनाती सुनिश्चित की जा रही है। आमजन को नज़दीकी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण उपचार मिले, यही हमारी प्राथमिकता है।