चीड़ पिरूल एकत्रीकरण एवं पैलेट्स और ब्रिकेट्स यूनिटों की स्थापना के संबंध में अपर प्रमुख वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा ने समीक्षा बैठक की। इसमें प्रभागीय वनाधिकारियों और उप निदेशकों के साथ-साथ पैलेट्स और ब्रिकेट्स यूनिटों के उद्यमियों ने भी प्रतिभाग किया।
बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी वनाग्नि सत्र में वन सतह से अधिक से अधिक चीड़ पिरूल एकत्रीकरण कर पैलेट्स और ब्रिकेट्स या अन्य उत्पाद तैयार करनेे और ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार उत्पन्न करने से संबंधित था।
राज्य के अन्तर्गत वर्तमान में 05 पैलेट्स और ब्रिकेट्स यूनिटें स्थापित की गयी हैं। विभाग के स्तर पर अन्य यूनिटें स्थापित किये जाने हेतु कार्यवाही गतिमान हैं।
इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा वन प्रभाग द्वारा 03 उद्यमियों और चम्पावत्त वन प्रभाग द्वारा एक उद्यमी के साथ चीड़ पिरूल फॉरवर्ड लिंकेज के लिए एमओयू किया गया है।
इस दौरान अवगत कराया गया कि प्रभागीय वनाधिकारियों के स्तर पर महिला व युवा मंगल दल, स्वयं सहायता समूहों, वन पंचायत सदस्यों को साथ लेकर चीड़ पिरूल एकत्रीकरण किया जाएगा।
इसके बाद स्थापित यूनिटों के सुचारू सम्पादन हेतु उद्यमियों को चीड़ पिरूल उपलब्ध कराया जायेगा। टिहरी डैम-द्वितीय वन प्रभाग के स्तर महिला समूहों के रोजगार सृजन हेतु उत्तराखण्ड ग्राम विकास समिति द्वारा संचालित ग्रामीण उद्यम त्वरण परियोजना के अन्तर्गत व्यवस्था की जा रही है।
अपर प्रमुख वन संरक्षक, वनाग्नि एवं आपदा प्रबन्धन, उत्तराखण्ड द्वारा समस्त प्रभागीय वनाधिकारियों व उप निदेशकों को चीड़ पिरूल एकत्रीकरण एवं इसके उपयोग हेतु निर्देश दिये गये।
चीड़ पिरूल एकत्रीकरण को आजीविका से जोड़ने हेतु चारधाम यात्रा के दौरान रेखीय विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर चीड़ पिरूल द्वारा निर्मित हस्तशिल्प के व्यापार हेतु रोड़ साइड स्टॉल की व्यवस्था किये जाने के लिए भी निर्देश दिये गये।
साथ ही चीड एकत्रीकरण हेतु संग्रहण केन्द्रों की स्थापना क्रू स्टेशनों या उनके समीप चौकियों पर ही की जाये। फॉरवर्ड लिंकेज के कुछ उदाहरण फील्ड में वर्तमान में भी क्रियान्वित किये गये हैं।
इसी को बढ़ाते हुए प्रत्येक प्रभाग में प्रभागीय वनाधिकारियों द्वारा उद्योग विभाग से समन्वय स्थापित कर संग्रहित पिरूल का फॉरवर्ड लिंकेज स्थापित किया जाए।