आस्था और श्रद्धा के महापर्व कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर उत्तराखण्ड सरकार ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं को शुद्ध और सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करने के लिए कड़ा कदम उठाया है। इस उद्देश्य से एक समर्पित निगरानी अभियान पूरे यात्रा मार्ग पर लागू किया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी
स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त खाद्य संरक्षा व औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि यात्रा मार्गों पर स्थित सभी होटलों, ढाबों, ठेली-फड़ वालों और अन्य खाद्य व्यवसायियों को कुछ अनिवार्य निर्देशों का पालन करना होगा। प्रत्येक खाद्य कारोबारी को लाइसेंस/पंजीकरण प्रमाणपत्र की स्वच्छ प्रति प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित करनी होगी।फेरीवाले और छोटे व्यापारी भी फोटो पहचान पत्र और पंजीकरण प्रमाणपत्र साथ रखें और प्रदर्शित करें। उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 55 के तहत ₹2 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
डॉ. कुमार ने स्पष्ट कहा कि श्रद्धालुओं की सेहत के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पंडालों, भंडारों और भोजन केंद्रों पर परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की सख्त निगरानी की जाएगी। मिलावटखोरों के विरुद्ध त्वरित कानूनी कार्रवाई होगी।
बिना लाइसेंस व्यापारियों पर सख्ती
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि बिना लाइसेंस खाद्य व्यापार करने वालों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा जो व्यापारी नियमों का उल्लंघन करेंगे, उन्हें न केवल आर्थिक दंड बल्कि आपराधिक मामलों का भी सामना करना पड़ेगा।
जनजागरूकता व शिकायत निवारण तंत्र
सरकार द्वारा आईईसी (सूचना, शिक्षा एवं संचार) माध्यमों से जनता और खाद्य कारोबारियों को जागरूक किया जाएगा –
शुद्ध भोजन की पहचान
खाद्य सुरक्षा नियम
उपभोक्ता अधिकार
शिकायत दर्ज करने के लिए टोल फ्री नंबर – 18001804246 भी जारी किया गया है। इस पर कोई भी व्यक्ति खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर शिकायत दर्ज कर सकता है। प्रशासनिक टीमें तुरंत मौके पर जाकर कार्रवाई करेंगी।
आस्था के साथ स्वास्थ्य भी सर्वोपरि
उत्तराखण्ड सरकार की यह पहल यह सुनिश्चित करती है कि कांवड़ यात्रा न केवल धार्मिक रूप से सफल हो, बल्कि स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से भी अनुकरणीय रहे।