पूरे देश में होली का त्योहार बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लोग सालभर इस त्यौहार का इंतजार करते है। होली पर लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर भाईचारे का संदेश देते हैं। लेकिन होली पर इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि आप किस प्रकार के रंगों से इस त्योहार को मना रहे हैं। क्योकि आजकल बाजार में बहुत सारे केमिकल वाले रंगों भी बिक रहे है, जो आपकी आंखें के साथ-साथ आपकी त्वचा को भी नुकसान पहुंचा रहे है। अगर ये केमिकल आपकी आंखों में चला गया तो ये आपके लिए काफी नुकसान दायक हो सकता है। इस लिए होली पर ऐसे रंगों से बचकर रहना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि होली के कई रंगों में खतरनाक केमिकल भी होते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
डॉक्टर बताते हैं कि केमिकल वाले रंग आंखों में रह जाते है. जिससे एलर्जी, मेइबोमाइटिस. आंखों की पलकों की ग्रंथियों का संक्रमण और कॉर्नियल अल्सर जैसी समस्या तक हो सकती है, जो अंधेपन का कारण बन सकती है। ऐसे में जरूरी है कि होली खेलते समय इस बात का ध्यान रखें कि केमिकल वाले रंग का यूज न करें। इसकी जगह गुलाल या फिर चंदन का इस्तेमाल करना बेहतर है। केमिकल वाले रंग आंखों के साथ-साथ स्किन को भी काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे में रंगों का चुनाव सावधानी से करें।
डॉक्टर की सलाह
होली खेलते समय रंग आंखों में चला जाए तो आंखों को साफ ठंडे पानी से लगातार 15-30 मिनट तक अच्छी तरह धोएं. रंग गिरने पर आंखों को मलें नहीं केवल पानी से ही धोएं। इसके बाद डॉक्टर से तुरंत सलाह लें. आंखों में जलन और पानी आ रहा है तो इस मामले में बिलकुल लापरवाही न करें. अगर आंखों पर ध्यान नहीं दिया तो स्थिति काफी बिगड़ सकती है।