उत्तराखंड की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नंदा देवी राजजात यात्रा 2026 की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में यात्रा के सुचारु संचालन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई तथा सभी विभागों को समन्वय के साथ तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए गए।
सचिवालय में मंगलवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ने चमोली जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि वह सभी संबंधित विभागों और स्टेकहोल्डर्स के साथ समन्वय स्थापित कर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करें, जिसमें यात्रा से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं जैसे सुरक्षा, संचालन, नियंत्रण, आपातकालीन योजना और पर्यावरण प्रबंधन शामिल हों।
पर्यावरण और साफ-सफाई पर विशेष जोर
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि यात्रा के दौरान वेस्ट मैनेजमेंट, सेप्टिक टैंक प्रबंधन, और सेनिटेशन व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि पर्यावरण को क्षति न पहुंचे और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
स्थाई और अस्थाई कार्यों का अलग-अलग प्रस्ताव
मुख्य सचिव ने विभागों को निर्देशित किया कि वे यात्रा हेतु किए जाने वाले कार्यों को स्थायी और अस्थायी कार्यों में वर्गीकृत करें और तदनुसार बजट प्रस्ताव तैयार करें। जहां आवश्यक हो, वहां सप्लीमेंट्री बजट की मांग करें और नियमित कार्यों को विभागीय बजट से पूर्ण करें।
तैयार की जाएगी यात्रा का डॉक्यूमेंटशन
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने पर्यटन विभाग को निर्देशित किया कि नंदा देवी राजजात यात्रा की ऐतिहासिकता, सांस्कृतिक महत्त्व और परंपरागत स्वरूप को बनाए रखते हुए इसका डॉक्यूमेंटेशन और डॉक्यूमेंट्री तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति और लोकजीवन की विरासत भी है, जिसे सजगता से संरक्षित किया जाना चाहिए।
इन जनपदों के जिलाधिकारियों से फीडबैक
मुख्य सचिव ने चमोली, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल और पिथौरागढ़ के जिलाधिकारियों से भी यात्रा से संबंधित फीडबैक लिया और उनकी आवश्यकताओं की जानकारी प्राप्त की, ताकि सभी जिलों में यात्रा से जुड़ी तैयारियों को बेहतर ढंग से अंजाम दिया जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, विनोद कुमार सुमन, धीराज गर्ब्याल (सचिव), के.एस. नग्नयाल (पुलिस महानिरीक्षक) एवं अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।